संतान मेला
लोगों का मत है कि बाबा स्वयं सफेद घोड़े पर बैठकर सफेद कपड़ों में अपनी स्वयं की समाधी पर आते है। किस्मत वाले कई भक्त दूर से उनके दर्शन कर चुके है। संत बोंदरु बाबा का आशीर्वाद तो ग्राम नागझिरी पर बरसता ही रहता है। कई लोग अपनी कई तरह की समस्याएं लेकर भी बाबा की समाधी पर जाते है, मन्नत उतारते आते है। साल भर के पवित्र महिनों में कई । लोग मन्नत उतारने आते रहते है। नि:संतान माताओं की संख्या आम (प्रसाद) पाने के लिए। बढ़ती जा रही है। वर्ष दर वर्ष उसी प्रकार आमफल भी अधिक ही मिलने लग गये है। पिछले वर्ष की तुलना में हर वर्ष संख्या महिलाओं की प्रसाद पाने में बढ़ती है, उतनी संख्या मन्नत उतारने वालों की भी बढ़ती है। इस वर्ष सन् 2011 के मेले में 520 महिलाओं ने प्रसाद रुप में आम फल खाये उसी क्रम में किसी ने मिठाई में तो किसी ने शकर में अपने नवजातों को 190 परिवारों ने तुलादान किया। इसी से अंदाजा होता है कि लोग इसे “संतान मेला" क्यों कहने लग गये है। इस वर्ष बैंगलोर कर्नाटक से एक जोड़ा, गुजरात से दो जोड़े, राजस्थान से एक जोड़ा, उत्तर प्रदेश से एक जोड़ा एवं छत्तीसगढ़ से भी एक जोड़ा आम प्रसाद पाने आये थे। प्रदेश से तोआते । ही है, प्रदेश से बाहर के नि:संतान भी अपनी मनोकामना लेकर नागझिरीआने लगे है।
*जय संत बोंदरुबाबा *
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