प्रभु सी लय लागी, लय लागी | संत बोंदरु बाबा के निमाड़ी भजन | Sant Bondaru Baba Ke Nimadi Bhajan

प्रभु सी लय लागी, लय लागी 


एक संत हुयो रे महान, प्रभु सी लय लागी, लय लागी। 

अरे ऊ निशदिन धरतो ध्यान, प्रभु सी लय लागी, लय लागी ॥ टेक॥ 


एक बोझा हो, चारो नित, लाविया लाविया।-2 

गोहया पर, गायन खिलाय, प्रभु सी लय लागी, लय लागी ।। 1 ।। 


दूसरो बोझा हो, गाँव म बेचिया बेचिया।-2 

जेका सी, आटा दाल जुटाय, प्रभु सी लय लागी, लय लागी ।। 2 ।। 


एक मुट्ठी हो, घास काटिया काटिया।-2 

जहाँ सी, खरगोश भाग्यो जाय, प्रभु सी लय लागी, लय लागी।। 3 ।। 


गाय भुखई हो, प्रभु दु:ख पावग पावग।-2 

घर म, माता जोवे वाट, प्रभु सी लय लागी, लय लागी।। 4 ।।


गाय गोहयो हो, चारा चर रही, चर रही।-2 

घर म 'नवरंग' आटो दाल, प्रभु सी लय लागी, लय लागी। 5 ।।

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